चमोली: साल 1968 में हिमांचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे की पहाड़ियों के बीच हुए विमान हादसें में लापता हुए लोगो में से 4 जवानो के शव भारतीय सेना के सर्चिंग दल को बर्फ के अंदर से बरामद हुए हैं।जिनमें से आगामी गुरुवार को चमोली ज़िले के थराली विकासखंड स्थित कोलपुड़ी गाँव निवासी शहीद नारायण सिंह का पार्थिव शरीर भी उनके परिजनों को शहीद के अंतिम दर्शनो के लिए 56 सालों बाद उनके घर पहुंचाया जाएगा।जहाँ सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट पर शहीद नारायण सिंह के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद नारायण सिंह के भतीजे और कोलपूडी के ग्राम प्रधान जयवीर सिंह ने बताया कि उनके ताऊ का नारायण सिंह का का विवाह बसंती देवी के साथ करीब 1962 में हुआ था,तब उनकी उम्र करीब 9 साल की रही होगी,कई साल तक उन्हें उम्मीद थी की उनके पति जरूर घर लौटेंगे,लेकिन समय के साथ साथ उनका सब्र भी टूट गया,और हमारे दादाजी द्वारा ताईजी की शादी हमारे पिता भवान सिंह से करवा दी।लेकिन सेना के द्वारा हमारी ताई को अभी तक भी कोई पैंशन या सुविधा नहीं दी गई।
विदित हो कि 7 फरवरी 1968 में भारतीय वायुसेना के AN -12-BL-534 विमान ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी।विमान में कुल 102 लोग सवार थे,जिनमें भारतीय सेना के भी जवान शामिल थे।रोहतांग दर्रे के आसपास ढाका गलेशियर के ऊपर विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण विमान में सवार सभी लोग लापता हो गए थे,जिनको खोजने के लिए भारतीय सेना ने समय समय पर ढाका गलेशियर में सर्चिंग अभियान जारी रखा।अभी तक भारतीय सेना को कुल ढाका गलेशियर से पाँच शव बरामद हुए हैं।साल 2018 में सर्चिंग दल को ढाका गलेशियर के ऊपर विमान के अवशेष और एक जवान का शव बरामद हो हुआ था।जिसके बाद से सेना के द्वारा लगातार ढाका गलेशियर पर सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा था,जिसमे कि बीतें दिनों 4 जवानों के शव बरामद हुए हैं,बरामद शवों में से तीन शवों की शिनाख्त हो चुकी हैं।