90s की शुरुआत में राजेश खन्ना और शत्रुघ्न की दोस्ती एक मुश्किल दौर से गुजरी. उन्होंने ये भी खुलासा किया कि उन दोनों के रिश्ते को पॉलिटिक्स ने नुकसान पहुंचाया था. शत्रुघ्न को इस बात का अफसोस है कि उन्हें राजेश खन्ना से मिलकर माफी मांगने का मौका नहीं मिला.
शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन की दोस्ती बड़े पर्दे पर ही नहीं, रियल लाइफ में भी बहुत पक्की रही. मगर बाद में दोनों के बीच 80s में थोड़ी दूरी भी आई. हालांकि, अपने दौर के इन बड़े स्टार्स ने बाद में इस दूरी को पाट दिया और आज भी ‘अच्छे दोस्त’ हैं.
मगर अमिताभ ही नहीं, एक और बड़े सुपरस्टार से ‘शॉटगन’ सिन्हा की दोस्ती में एक दरार आई, जो कभी नहीं भर सकी. 90s की शुरुआत में राजेश खन्ना और शत्रुघ्न की दोस्ती एक मुश्किल दौर से गुजरी. अब एक नए इंटरव्यू में शत्रुघ्न ने इस बारे में खुल कर बात की. उन्होंने बताया कि राजेश खन्ना उनसे क्यों खफा थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने ये भी कहा कि वो इस दरार को माफी मांगकर भरना भी चाहते थे मगर तबतक बहुत देर हो चुकी थी.
पॉलिटिक्स की वजह से शत्रुघ्न सिन्हा से खफा थे राजेश खन्ना
जूम टीवी के साथ एक बातचीत में, वेटरन एक्टर और पॉलिटिशियन शत्रुघ्न सिन्हा ने राजेश खन्ना के साथ अपने मतभेद पर बात की. उन्होंने ये भी खुलासा किया कि उन दोनों के रिश्ते को पॉलिटिक्स ने नुकसान पहुंचाया था. 1992 के एक उपचुनाव में, राजेश खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा आमने-सामने थे. इस इलेक्शन में शत्रुघ्न, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रहे. जबकि, उनके अपोजिट खड़े हुए खन्ना, कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए थे.
इंटरव्यू में शत्रुघ्न ने राजेश के खिलाफ चुनाव लड़ने पर पछतावा जाहिर किया. उन्होंने बताया, ‘दिल्ली के चुनाव में हम एक दूसरे के खिलाफ लड़े थे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘उन्हें लगा- मेरे खिलाफ कैसे खड़े हो गए.’ सिन्हा ने बताया कि वो पर्सनली खन्ना को चैलेंज नहीं कर रहे थे, ये उनकी पार्टी का फैसला था. उन्होंने ये बात उन्हें समझाने की भी कोशिश की लेकिन, उन्होंने इसे सही तरीके से नहीं लिया. सिन्हा ने आगे याद करते हुए बताया, ‘मैंने कहा- मैं आपके खिलाफ नहीं लड़ रहा. ये फैसला पॉलिटिकल पार्टी करती है कि कौन कहां से लड़ेगा.’
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि वो खन्ना के खिलाफ नहीं लड़ना चाहते थे. ‘राजेश बहुत अपसेट थे जब मैं उपचुनाव में उनके खिलाफ लड़ा. सच कहूं तो, मैं ऐसा नहीं चाहता था, लेकिन लाल कृष्ण अडवाणी जी को मैं मना नहीं कर सकता था. मैंने राजेश को ये समझाने की कोशिश की लेकिन उन्हें ये बात पसंद नहीं आई, हमने बहुत लंबे समय तक बात नहीं की. हालांकि, बहुत साल बाद हमने बात करनी शुरू कर दी’ शत्रुघ्न ने बताया.
शत्रुघ्न को नहीं मिला मिलकर माफी मांगने का मौका
उन्होंने आगे बताया कि इसके बावजूद उनका रिश्ता पहले जितना नॉर्मल नहीं हुआ था. शत्रुघ्न चाहते थे कि राजेश के साथ उनका रिश्ता पूरी तरह पहले जैसा हो जाए. उन्होंने बताया, ‘जब वो हॉस्पिटल में थे, मैं जाकर उनसे माफी मांगना चाहता था.’ उन्होंने आगे बताया, ‘लेकिन दुखद ये हुआ कि मेरे ऐसा करने से पहले ही वो नहीं रहे.’
ये मौका खो देने का दुख जताते हुए शत्रुघ्न ने बताया, ‘हम करीबी दोस्त थे, लेकिन चुनाव के बाद, उन्होंने मुझसे रिश्ता तोड़ दिया था. सब ठीक करने की मेरी कोशिश के बावजूद, मेरे उनसे माफी मांगने से पहले कई साल गुजर गए कुछ साल बाद हम दोनों हॉस्पिटल में भर्ती थे. मैं अक्सर अपनी बेटी सोनाक्षी से कहता था कि जब मैं डिस्चार्ज हो जाऊंगा तो उनसे मिलने जाऊंगा. बदकिस्मती से, मैं उनसे मिलकर माफी नहीं मांग सका. सोनाक्षी ने मुझे बताया कि राजेश खन्ना अंकल नहीं रहे.’
सिन्हा ने बताया कि राजेश के निधन से पहले वो एक बार उनसे माफी मांग चुके थे. लेकिन इस एक घटना से उन्होंने जीवन में हमेशा के लिए एक नियम बना लिया. उन्होंने बताया, ‘जब मैं अपना पहला चुनाव हारा, मैंने खुद से कहा- मैं सिर्फ चुनाव ही नहीं हारा, मैंने एक दोस्त को भी हारा है.’ इसके बाद उन्होंने कभी अपने दोस्तों के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा.
लीवर की समस्या से जूझ रहे राजेश खन्ना ने 2012 में अंतिम सांस ली थी. चार दशक भाजपा के में रहने के बाद, 2019 में वो पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.