सितारगंज, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में स्थित एक तेजी से विकसित होता औद्योगिक शहर है। हालांकि यह मुख्य रूप से एक औद्योगिक क्षेत्र है, फिर भी इसके आसपास कुछ दर्शनीय और धार्मिक महत्व के स्थान हैं जिनका दौरा किया जा सकता है:
नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा: सितारगंज से लगभग 13 किलोमीटर दूर नानकमत्ता में सिखों का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है। यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और इसकी शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है। यह माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने इस स्थान का दौरा किया था। गुरुद्वारे के पास एक सुंदर सरोवर भी है।
नानक सागर बांध: सितारगंज से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर नानकमत्ता में नानक सागर बांध स्थित है। यह सरयू या देओहा नदी पर बना एक सुंदर जलाशय है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है जहाँ बोटिंग और मछली पकड़ने की सुविधा भी उपलब्ध है।
सुरई इकोटूरिज्म जोन: सितारगंज के पास स्थित सुरई वन क्षेत्र एक शांत और प्राकृतिक जगह है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा स्थान है।
बालाजी मंदिर: सितारगंज में एक प्रसिद्ध बालाजी मंदिर भी स्थित है, जो स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
तिरंगा चौक: सितारगंज के अमरिया चौक का नाम बदलकर तिरंगा चौक कर दिया गया है और यहाँ उत्तराखंड का सबसे ऊँचा तिरंगा भी स्थापित किया गया है। यह एक देशभक्तिपूर्ण स्थल है।
स्थानीय मंदिर: सितारगंज में और इसके आसपास कई अन्य स्थानीय मंदिर भी हैं जिनका धार्मिक महत्व है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सितारगंज मुख्य रूप से एक औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके आसपास के धार्मिक और प्राकृतिक स्थल इसे कुछ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं, खासकर जो शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं।