एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली वंदना कटारिया आज दूसरी बेटियों को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला दे रही हैं।
हरिद्वार: बीते महीने एशियन गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इस उपलब्धि में उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया का विशेष योगदान रहा है।
Vandana Kataria 300 International Match
एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली वंदना आज दूसरी बेटियों को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला दे रही हैं। अपने शानदार सफर के बीच वंदना ने एक और उपलब्धि हासिल की है। वह 300 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बन गईं हैं। एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में जापान के खिलाफ खेलने के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच वर्ष 2011 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में चीन के खिलाफ खेला था। उपलब्धियों की बात करें तो साल 2013 में जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य, एशियन चैंपियन ट्रॉफी में रजत, एशिया कप में कांस्य पदक, साल 2014 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जैसी उपलब्धियां वंदना के नाम हैं।साल 2016 में वह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनीं। इसी साल एशियन चैंपियन ट्रॉफी में इंडियन टीम ने गोल्ड मेडल जीता। साल 2017 में एशिया कप में गोल्ड मेडल मिला, जबकि 2018 में एशियन चैंपियन ट्रॉफी में रजत पदक भारत के खाते में आया। साल 2022 में एफआईएच नेशन कप में स्वर्ण, कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य जीतने के साथ ही वंदना कटारिया ओलंपिक के मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। साल 2022 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा। अब वह 300वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली देश की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गई हैं। वंदना के भाई पंकज कटारिया ने कहा कि वंदना की उपलब्धि ने पूरे देश, प्रदेश और गांव को गर्व से भर दिया। उनके शानदार प्रदर्शन से गांव सहित पूरे प्रदेश में खुशी का माहौल है।